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Sunday 8 December 2019

सबसे शक्तिशाली वशीकरण मंत्र, अपनाते ही होंगे सब वश में




  सबसे शक्तिशाली वशीकरण मंत्र, अपनाते ही होंगे सब वश में.


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सबसे शक्तिशाली वशीकरण मंत्र, अपनाते ही होंगे सब वश में

काला कलुवा से वशीकरण 

काला कलुआा, चौसठ वीर ताल भागी तोर । जहाँ को भेजूं, वहीं
को जाए । मास मघा को शब्द बन जाए । अपना मारा आप दिखाए ।
चलत बाण मारू । लट भूट बाण मासरू । मार-मार कलुआ तेरी आस ।
चार चौमुखा दिया न जाए । मार्ू वादी की छाती । इतना काम
मेरा न करो, तुझषको माता का दूध पीना हराम है
विधि : ग्रहण काल या पर्व काल में गुग्गुल की धूनी देकर उक्त मन्त्र का १०८ 'जप' करे । बाद में 'मन्त्र' स्मरण करता रहे । आवश्यकता पड़ने पर 'प्रयोग' करना चाहिए । जिसका वशीकरण करना हो, उसके पाँव की धूल उठा ले । उसको ३ या ७ बार उत्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करे । फिर उसे साध्य पर युक्ति से फेंक दे । पर की धूल लेना और अभिमन्त्रित करके फकना यह यूक्ति का कार्य है । इसका उचित प्रवन्ध कर लेना चाहिए ।
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. सुपारी से वशीकरण करने का मन्त्र

ॐ नमः उर्वशी सुपारी काम निगारी । शुचि राजा प्रजा रहे सब
पियारी । अमुकी को अमुक को मन्त्र पढ़ हृदय लगाऊँ । उठता-बैठता
निज दास-दासी बनाऊँ । मरे पर उसकी जान जाए मशान । वश न
होवे तो हनुमन्त की आन ।
विधि : साध्य या साध्या का नाम लेकर, सुपारी सामने रख- कर, सूर्य-ग्रहण में इस मन्त्र का एक सहस्न 'जप' करे । धूप - दीप भी करे। 'प्रयोग' करते समय, वही सुपारी सामने रखकर ७ बार उक्त मन्त्र पढ़कर फूक दे । सुपारी साध्य को युक्ति से खिला दे । जो लोग सुपारी नहीं खाते, उनके ऊपर इत्र अथवा फूल अथवा इलायची- का प्रयोग करे।

 शत्रु-आकर्षण मन्त्र

ॐ नमो आदेश गुरू का । बैरी बांधूं, बांधूं जोग । फैले वाके घर
में रोग । कभी आवे आगे मेरे, गुरू के मन्त्र फिरेंगे घेरे । रक्त-विन्दु
की बांधूं घारा । अम्बर बांधूं बांधूं तारा । मेरी शक्ति, गुरू की
भक्ति । फूरो मन्त्र सांचा, पिण्ड कांचा । इश्वरो वाचा । हन - हन
फट्-फट् स्वाहा ।
विधि : उ्त 'मन्त्र' का 'जप' किसी शनिवार से प्रारम्भ करे। प्रथि-दिन १०८ जप करे । २१ दिन तक, नियत समय पर 'जप' करे । 'जप'-काल में प्रति-दिन श्रीहनुमान जी का विधि वत् पूजन करे और बेसन के लड्ड् ओं का भोग लगाए । 'जप' के बाद बच्चों को 'प्रसाद' बाँट दे । २१ दिन के बाद 'प्रयोग' करे । सङ्कूल्प करके 'जप' करे । शत्र समाधान करने के लिए प्रस्तुत हो जाएगा । 'प्रयोग'- करत्ता के पक्ष में 'सत्य' होना चाहिए । विधवा, अनाथ बच्चों या निराधार स्त्री तथा विकलाङ्गों का आकर्षण नहीं करना चाहिए । पुण्य-शील ब्राह्मण का भी आकर्षण न करे । केवल शत्रु को ही आकर्षण करने का सङ्कल्प करना चाहिए, वह भी तभी, जब अति अनिवार्य हो ।

खोई हुई स्त्री का आकर्षण

ॐ नमो कणक्षाय देवी । कख लाई भारत, जहाँ बैठे
बीर । काल-बली रक्षा करें । बस कर लेवें, देर न लगावें । आवे फिर
आवे, भागी आवे । शब्द साँचा, पिण्ड काँचा । फुरो मन्त्र, ईश्वरो
हनुमान
वाचा । सत्य नाम, आदेश गुरू का ।
विधि : उक्त मन्त्र का १००० 'जप' प्रति-दिन तुलसी के पौधे के पास या पौधों के बीच या पौधे के नीचे बेठकर ६० दिनों तक करे । ऐसा करने से मन्त्र - चैतन्य होगा । ६० दिनों के बाद पुनरा- वृत्ति करने पर भागी हुई या खोई हुई स्त्री पति के घर वापस आ जाती है। 'जप' - काल में श्रीहनुमान जी का 'पूजन' आदि करता रहे । जब तक कार्य - सिद्धि न हो, तब तक प्रसादी एवं पूजन करते रहना चाहिए । 'जप' प्रारम्भ करने के दिन से ही जप' पूर्ण करना चाहिए। 'जप'-काल में जो-जो शनिवार आए उसमें श्रीहनुमान जी की सिन्दूर चढ़ाए और बेसन के लड़्डुओं का 'सद' लगाए । खोइ हुई स्त्री का जब आगमन हो, तब उससे किसी प्रकार का झगड़ा वहीं करना चाहिए । उसे साक्षात् लक्ष्मी मानकर, नया जीवन व्यतीत करना चाहिए ।

सबसे शक्तिशाली वशीकरण मंत्र, अपनाते ही होंगे सब वश में