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Tuesday 26 November 2019

Aladdin chirag अल्लाउद्दीन की चिराग-सिद्धि



 Aladdin chirag

अल्लाउद्दीन की चिराग-सिद्धि

 Aladdin chirag

मन्त्र-
"जाग-जाग रे अल्लाउद्दीन के सैतान । ना जागे, तो तुझे माँ-बहिन को तीन सो तीन तलाख, पीर पैगम्बर की आन, मेरी आनमेरे वस्ताद की आन ।
विधि यह साधना किसी भी शुक्रवार को प्रारम्भ की जा सकती है। पहले ताँबे या पीतल का एक छोटा दीपक (दिया) लेकर मुस्लिमों के कब्रिस्तान में जाएँ। सूर्यास्त के बाद ही (६ बजे) जाएँ। साथ में गुलाब, मोगरा आदि के सुगन्धित पुष्प, इत्र, शेरणी (बताशे) आदि रखें। फिर किसी भी कब्र के सामने बैठकर, उक्त वस्तुओं द्वारा पूजन कर 'प्रणाम' करके प्रार्थना करे- 'मैं अल्लाउद्दीन चिराग सिद्ध कर रहा हूँ । इसमें आप सहयोग दें।" अब मन्त्र - जप प्रारम्भ करे। नित्य ४० बार मन्त्र - जप करे। ऐसा ४० दिन करे। ४१ वें दिन फिर उसी समय जाकर यही विधि करे। ४१ वें दिन दीपक (चिराग) अपने आप प्रज्वलित होता है। यही सिद्धि - लक्षण है। बाद में राक्षस प्रत्यक्ष होगा। उससे अपने सभी कार्य तुरन्त करने का ३ बार वचन ले। राक्षस अदृश्य हो जाएगा। भविष्य में, चिराग को थोडा घिसने पर वह फिर से प्रत्यक्ष
होगा और आज्ञा माँगेगा। उससे अपना कार्य करवा लें । अनुचित कर्म उससे कदापि न करवाएँ।


हाजिरात-जिन्नात


मन्त्र -
या यैय्यल अलअ ईन्नी कल किया इलैलया किताबून करिम । ईन्न अन्नह मिन सुलैमाना मिन्न हु बिसमिल्लाहि रहिमाने रहिम ॥"

विधि- जब किसी गुरुवार को अमावास्या हो, तो शुक्रवार को प्रतिपदा के दिन चन्द्रोदय के बाद, गांव के बाहर जाकर लोभान धूप जलाकर ५१ बार मन्त्र - जप करे। ऐसा ५-६ दिन करने से 'जिन' प्रत्यक्ष होता है । उससे ३ बार वचन लेकर अदृश्य करना। भविष्य में मन्त्र-जप द्वारा उसे बुलाकर मन-चाहा उचित कार्य सम्पन्न करा सकते हैं।




Kamdev mantra



Kamdev mantra

काम-देवता-सिद्धि

Kamdev mantra

मन्त्र-ओम् नमो आदेश गुरू का। कामदेव - कामदेव क्या करे ? तुम मेरे पास हाजिर होकर सब स्त्री-पुरुष को मेरे वश में करे । हर वक्त मेरे साथ रहे । मेरा कार्य करे। ऐसा न हो, तो महा- देव के नेत्र से भस्म हो जाए। आदेश गुरू महादेव का, मेरे गुरू का। छ॥"

विधि---बसन्त - पञ्चमी से पाँच दिन तक नित्य १००० 'जप' रुद्राक्ष-माला पर करे । मन्त्र-जप, शिव-मन्दिर में ब्राह्म-मुहूर्त में करे। रात्रि में भी कर सकते हैं । पाँचवें दिन भगवान् कामदेव प्रत्यक्ष होंगे। उनसे ३ बार वचन
लेकर अदृश्य हो जाने की प्रार्थना करे। उक्त 'मन्त्र' की सिद्धि से सभी प्रकार के वशीकरण-कार्य किए जा सकते हैं । पाप-पूर्ण, निन्दनीय तथा व्यभिचार-पूर्ण कार्य नहीं कराना चाहिए । बार-बार देवता को बुलाकर उसे कष्ट नहीं देना चाहिए। अत्यन्त आवश्यकता होने पर एकान्त में उसे मन्त्र द्वारा बलाना चाहिए।


सन्तोषी माता का मन्त्र-SANTOSHI MATA MANTRA


सन्तोषी माता का मन्त्र


ॐ नमो सन्तोषी माई। सत की सदा सहाई। बाबा गणपत की बेटडी। ऋद्धि - सिद्धि की जाई। भक्तों को बख्शे सन्तुष्टि। नाम सन्तोषी कहलाई । दुःख हरो, सुख करो। मुरादें पूर्ण करो, सिर पर मेहर का हाथ धरो। माई, तेरी महिमा अपरम्पार। तोहे बारम्बार नमस्कार । चले मन्त्र, फुरे वाचा । देखू माता सन्तोषी, तेरे इल्म का तमाशा।


विधि--शूक्ल-पक्ष के शुक्रवार से आरम्भ कर प्रति-दिन कम-से-
कम एक माला 'जप' करे। शुक्रवार को 'व्रत' रक्खे। खटाई न
खाए। गुड़ और भने चने का भोग लगाए। माता सन्तोषी के भक्तों
के लिए यह मन्त्र कल्प-वक्ष के समान है।।

Maa durga माँ भगवती का मन्त्र


Maa durga  

माँ भगवती का मन्त्र


Maa durga
maa durga
durga mata
sherawali mata
maa durga mantra
maa durga ji
durga puja mantra



ॐ आदेश, गुरु जी को आदेश । श्रीमहा-काली, श्रीमहा-लक्ष्मी, श्रीमहा-सरस्वती । ॐ भर्गो देवी परमेश्वरी विद्महे त्रिगुणे त्रिगुणातीते श्रीमहि तन्नो दुर्गा भगवती प्रचोदयात् । आदि - नाथ का वाचा फुरे। माई गौरजाँ की होय दुहाई।



विधि--नवरात्र में प्रारम्भ करके उक्त मन्त्र का सवा लाख जप
करे। फिर दशांश हवन-तर्पण-मार्जन तथा कुमारी-बटक-पूजन करे।
भगवती की कृपा से सर्व-विध मङ्गल होगा। प्रयोग को गुप्त रखे।
साधक को जो अनुभूतियाँ स्वप्न आदि हों, अन्य किसी को न बताए ।
उन्हें अपने तक ही सीमित रखे।

शाबर- रक्षा का मन्त्र -SHABAR RAKSHA MANTRA


शाबर- रक्षा का मन्त्र -SHABAR RAKSHA MANTRA


 ओ३म् आदेश, गुरु जी को आदेश । वज्र की कोठडी, वज्र किवाड़ा। वज्र छायों, दसों द्वारा । गणेश सौंगली, शेष कुण्डा । ब्रह्मा कूजी, विष्णु ताला। भोले शङ्कर की चौकी, भैरों बलि, हनुमन्त वीर का पहरेदारा । जो इस घट-पिण्ड पर करे घाव, तो शिव-शक्ति की फिरे दुहाई। मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति। चले मन्त्र, गुरु गोरख- नाथ का वाचा फुरे।


विधि-ग्रहण अथवा होली, दीवाली इत्यादि शुभ योगों में गुरु- देव, गणेश, शेष, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शक्ति, शिव और गुरु गोरख- नाथ का पञ्चोपचार से पूजन करने के उपरान्त मन्त्र का दस हजार जप करे । यदि पाँच माला प्रति-दिन जप करे, तो २१ दिन में पूरा हो जाएगा। फिर किसी भी व्यक्ति को 'विभूति' अथवा 'धागा' अभि- मन्त्रित करके देने से आभिचारिक प्रयोगों से रक्षा होती है। किसी भी प्रयोग में बैठने पर उक्त मन्त्र से रक्षा-रेखा खींच कर बैठना भी लाभ-दायक है।


self confidence and progress -आत्मबल एवं उन्नति


self confidence and progress

आत्मबल एवं उन्नति

self confidence
self esteem
improve self confidence
self confidence

confidence building exercises 
self confidence

 >कई लोग ऐसे होते हैं जिनमें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है फिर भी वह लोग अज्ञात कारणों से हीन भावना से ग्रस्त होते हैं। ऐसे लोग हाथ आये मौके भी छोड़ देते हैं जिस कारण उन्हें कई प्रकार की हानि होती है। इस प्रकार के लोग अपने निवास में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना कर नित्य दर्शन करें तथा 11 बार निम्न मंत्र का जाप करें- 

"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ब्लूं दक्षिणमुखाय समुन्द्रप्रभाव शंखाय नमः" । 

इस उपाय से व्यक्ति में आत्मबल की वृद्धि के साथ झिझक भी खुलती है। मैंने स्वयं यह प्रयोग करवा कर देखा है कि जो व्यक्ति पहले चार लोगों में अपनी बात नहीं कह पाता था, इस प्रयोग के बाद वह बड़ी से बड़ी सभा को भी सम्बोधित करने लगा।

> उपरोक्त प्रयोग से व्यक्ति अपने व्यवसाय में भी उन्नति करता है साथ लोग उसकी बात भी सुनते हैं अर्थात् वह अपनी बातों से लोगो को चमत्कृत कर देता है।

> यदि किसी को ऐसा लगे कि वह बाहर अन्य लोगों के सामने बोलने में हिचकिचाता है तो वह रोज ही सोते समय फिटकरी के चूरे से दाँत साफ करे। बुधवार को गाय को हरी घास अवश्य खिलाये। यदि किसी बुधवार को कोई हिजड़ा मिल जाये तो उसे कछ रुपये अवश्य दें। यदि आर्थिक रूप से सक्षम हो तो उसे सुहाग सामग्री अपने हाथ से दान करें।

>वद्धों का सदैव सम्मान करें। रविवार को लाल बैल को गुड़ व गेहूँ खिलायें। अधिक गंभीर हो तो लाल बैल का खिलौना मन्दिर में रखें। ऐसा लगातार तीन रविवार करें।

>लोग ऐसा महसूस करते हैं कि बाहर अथवा अपने घर के लोग उसकी बात सुनते नहीं हैं। उस व्यक्ति को नियमित रूप से निम्न मंत्र के साथ से जल में गुड़ मिलाकर  सूर्यदेव को अर्घ्य  निम्न मंत्र के साथ देना चाहिये- "ॐ घृणि सूर्याय नमः"

Monday 25 November 2019

Relationship-Measures for a happy family life- सुखी गृहस्थ जीवन हेतु उपाय




Relationship-Measures for a happy family life

सुखी गृहस्थ जीवन हेतु उपाय

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विवाह के बाद हर किसी की यही इच्छा होती है कि उसका विवाह बिना किसी क्लेश के निकले, परन्तु ऐसा बहुत कम होता है। अनेक दम्पति जीवन विभिन्न प्रकार के विषयों पर लड़ते-झगड़ते ही व्यतीत हो जाता है। दम्पती विवाह विच्छेद की स्थिति तक जा पहुंचते हैं। विवाहित जीवन के कारण सुख गायब हो जाता है। इसलिये आपको यहां कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनके माध्यम से आप अपना विवाहित जीवन सुखमय बना सकते हैं:-
> सप्ताह में एक बार घर में नमक मिले पानी से ही पौंछा लगवायें।
> शनिवार, मंगलवार व गुरुवार को कभी भी नाखून न काटें और न ही बार अथवा शेव बनायें।
> यदि घर में किसी भी प्रकार का क्लेश रहता हो तो आप आटा सदैव शनिवार को ही पिसवायें। उसमें 100 ग्राम काले चने भी मिलायें। इस उपाय से क्लेश समाहित के साथ आर्थिक स्थिरता भी आयेगी।
> सोते समय किसी सफेद कागज में थोड़ा सा कपूर रखें और प्रातः उसे घर से बाहर जला दें। इससे भी घर में शान्ति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है। यदि पति-पत्नी में आपसी मतभेद होते हो तो तीन टिकिया कपूर व थोडा सा सिन्दूर सिरहाने रखें। प्रातः स्नान के बाद कपूर को घर की देहरी पर जला दें और सिन्दूर को किसी ताम्बे के पात्र में गुड़ मिश्रित जल में मिला कर सूर्यदेव को अर्पित करें। आप इस उपाय को शुक्लपक्ष में ही करें और लगातार एक सप्ताह तक करें। आप स्वयं परिवर्तन महसूस करेंगे परन्तु इस पूरे सप्ताह आप आपस में संबध न बनायें।
> यदि विवाह हुए काफी समय हो गया हो और बच्चा न हो रहा हो तो आप किसी शुभ समय में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को घर में स्थान दें और लगातार 16 गुरुवार व्रत रख कर पीपल व केले के वृक्ष की सेवा करें। फिर मासिक से ठीक 13वीं रात्रि में भोग करें। प्रभु कृपा से आपको अवश्य ही संतान होगी।
> यदि किसी संतान की पत्रिका में अल्पायु योग है तो पिता को देवगुरु की सेवा करनी तथा गुरुवार का व्रत भी रखना चाहिये। यह व्रत आप अपनी संतान का रक्षा के लिये भी रख सकते हैं।
> यदि घर में आपको किसी अशुभ हवा का एहसास हो रहा हो तो आप प्रथा मगलवार को घर के मन्दिर में बैठ कर ताम्बे के बर्तन में गंगाजल रख कर श्री हनुमते नमः का 108 बार जाप करें। जाप के बाद उस जल को पूरे घर में छिड़क दें। अगले दिन इसी प्रकार से जल में ॐ दुं दुर्गायै नमः का 108 बार जाप कर जल घर में छिड़क दें। अगले दिन अर्थात् गुरुवार को जल में थोड़ी सी हल्दी व धनिया मिला कर श्री गुरुदेवाय नम का108 बार जाप कर पुनः घर में छिड़क दें। इस उपाय से आप कुछ ही समय में महसूस करेंगे कि घर में शान्ति के साथ प्रेम भी है। आप उन्नति भी कर रहे हैं।
> आप घर में संक्रान्ति (जब सूर्य अगली राशि में प्रवेश करते हैं) के समय रविवार को छोड़ कर गोमूत्र का छिड़काव अवश्य करें। इस उपाय से घर हर प्रकार से सुरक्षित रहता है। सभी में प्रेम बना रहता है।
> यदि घर में किसी भी प्रकार के क्लेश होते हों अथवा आप अपनी मेहनत के अनुसार उन्नति नहीं कर पा रहे हों तो आप यह उपाय अवश्य करें। शुक्लपक्ष के  शुक्रवार से आप यह उपाय आरम्भ करें। इस दिन आप प्रातः स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें। कम मीठे सफेद चावल बनायें। उन्हें किसी बड़े बर्तन में निकाल कर उसमें कुछ खाँड अथवा बरा तथा कछ शद्ध घी मिलाकर सफेद गाय को खिलायें। इस प्रकार आप लगातार 21 शुक्रवार यह उपाय करें। कुछ ही समय बाद आप महसूस करेंगे कि आपके घर में समस्त प्रकार के क्लेश समाप्त हो गये हैं और घर का प्रत्येकसदस्य उन्नति कर रहा है।
>पति सदैव केशर मिश्रित दूध का सेवन करें तथा काम के लिये जाते समय केशर जीभ पर लगायें तथा पत्नी हाथों में सोने की चूड़ियाँ धारण करे । सुख शान्ति बनी रहेगी।
>पत्नी नियमित रूप से सुबह उठते ही घर के मुख्य द्वार पर एक लोटा जल  डाले। स्नान के बाद पूजा-पाठ करे तथा मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक व ॐ बनाय। इस उपाय से घर में सुख-शन्ति रहती है। गृह स्वामी की उन्नति में कोई बाधा नहीं आती है।
>घर में यदि पति-पत्नी में मतभेद हों अथवा प्रेम की कमी हो अथवा आप और अधिक प्रेम चाहते हैं तो आप यह उपाय प्रथम मंगलवार से आरम्भ करें। प्रत्येक मंगलवार को आप सुन्दर काण्ड का पाठ आरम्भ करें। इस उपाय से घर तो सुरक्षित रहता ही है साथ ही प्यार भी बढ़ता है। यदि कोई मतभेद हो तो वह भी समाप्त हो जाते हैं।
>विवाह के बाद लगातार 43 दिन तक 9 साल से कम की आयु की कन्या को गाय का दूध पिलाने से समय से सुन्दर संतान होने का योग बनता है। यह उपाय वह लोग भी कर सकते हैं जिनको संतान बाधा है।
> यदि किसी बच्चे को पाचन की समस्या है तो आप उसे जो भी वस्तु दें चाहे दूध दें तो उसे पहले घर के ही मन्दिर में प्रभु को अर्पित करें, फिर बच्चे को दें। इससे वह अच्छी तरह से उसका पाचन करेगा।
> घर में यदि कोई भी नई वस्तु अथवा सामग्री आती है तो उसे पहले मन्दिर  में प्रभु को अर्पित करनी चाहिये।
> संध्या समय घर में किसी को बिस्तर पर नहीं होना चाहिये। घर के प्रत्येक कक्ष में रोशनी अवश्य कर दें परन्तु यदि घर में कोई बीमार है तो वह संध्या समय बिस्तर से उठे भले ही नहीं परन्तु बिस्तर पर लेटा भी न रहे। वह चाहे तो सहारे से बैठ सकता है।
> घर में बनने वाली पहली रोटी गाय को अवश्य दें। पहली थाली प्रभु को व दूसरी थाली पितरों को अर्पित कर गाय को खिलानी चाहिये। इससे प्रभु कृपा के साथ | हम पर पितरों की कृपा भी बनी रहती है।

what does moles mean


what does moles mean
शरीर पर तिल का प्रभाव

Effect of mole on body

इस संसार में 97 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं जिनके किसी न किसी अंग पर तिल अवश्य होता है। उस तिल का क्या महत्व है, यह हम नहीं जानते हैं। यहां आपको इस बारे में जानकारी दी जा रही है कि हमारे शरीर पर किस अंग पर तिल का क्या फल मिलता है। यहाँ पर भी आप पुरुष के दायें तथा स्त्री के बायें अंग पर इस फलम को शुभ मानें। विपरीत होने पर विपरीत फल मानें-
> माथे के दाहिनी ओर - धन रहेगा।

> माथे के बायें ओर - जीवन में परेशानी रहेगी।

> ठुड्डी पर - जीवनसाथी से मन नहीं मिलेगा।

> दोनों भौहों पर - जीवन में यात्रायें अधिक होंगी।

> दायीं आंख पर - जीवनसाथी से प्रेम अधिक होगा।

> बायीं आंख पर - जीवन में चिंता रहेगी।

> दाहिने गाल पर - धन बहुत रहेगा।

> बायें गाल पर - धन नहीं होगा।

> होंठ पर काम भावना अधिक होगी।

> होंठ के नीचे - जीवन में धन की कमी रहेगी।

> कान पर अल्पायु योग परन्तु उपाय से ठीक।

> गर्दन पर जीवन में आराम अधिक होगा।

> दायीं भुजा पर - सम्मान बहुत मिलेगा।

> बायीं भुजा पर पुत्र संतति अधिक होगी।

> छाती पर दाहिनी ओर - जीवनसाथी से प्रेम रहेगा।

> नाक पर - यात्रायें होती रहेंगी।

> छाती पर बायीं ओर -जीवन में भय अधिक होगा।

> दायीं हथेली पर - धन लाभ अधिक होगा।

> बायीं हथेली पर - धन हानि अधिक होगी।

> पुरुष के मध्य तिल होने पर उसे समाज में बहुत प्रतिष्ठा प्राप्त होगी
स्त्री के होने पर उसका विवाह किसी उच्चाधिकारी से होता है।

> पांव पर तिल है तो व्यक्ति यात्रायें अधिक करता है जिसमें वह विदेश यात्रा
भी करता है।

> ललाट पर तिल होने से वह धन-सम्पदा का स्वामी होता है तथा ऐश्वर्य
भोगता है।

> यदि भौहों के मध्य तिल होता है तो उसे विदेश यात्रा से बहुत लाभ होता है।

> मतान्तर से गाल पर तिल होने से व्यक्ति ऐश्वर्य सम्पन्न होता है।

> जांघ पर तिल होने से व्यक्ति ऐश्वर्यशाली होने के साथ वह अपना धन भोग विलास पर अधिक व्यय करता है। उसके पास बहुत वाहन होते हैं। उसके अधिकतर कार्य नौकरों द्वारा सम्पन्न होते हैं।

> होंठ के ऊपर तिल होने से व्यक्ति धनी तो होता है परन्तु वह जिद्दी बहुत
होता है।

> गले पर यदि तिल है तो व्यक्ति दीर्घायु, सुविधा सम्पन्न होता है। वह अधिक
अधिकारों के साथ सभी पर हुकूमत करता है।



स्वयं जानें अपना आज का दिन- KNOW YOUR DAY


स्वयं जानें अपना आज का दिन
KNOW YOUR DAY

व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि वह यह जान सके कि उसका आज का दिन कैसे व्यतीत होगा। यदि वह इसको समझ सके तो इसके माध्यम से  अपने कई कार्य सिद्ध कर सकता है। उदाहरण के लिये जैसे उसे यह मालूम पड़े कि उसका आज का दिन बहुत शुभ है तथा उसके कार्य सिद्ध हो सकते हैं तो  वह उस दिन अपने रुके कार्य पूर्ण कर सकता है। इसके अतिरिक्त यदि उसे यह मालूम पड़े कि उसका दिन अशुभ है तथा समस्या आ सकती है तो वह उस दिन जो कोई महत्वपूर्ण कार्य करने की सोच रहा था, वह उस कार्य को अगले दिन के लिये टाल हानि से बच सकता है। इसी बात को सोचते हये एक ऐसी विघि  है जिसमें बहुत ही सरल तरीके से आप दिन के बारे में जान सकता।
इसके लिये आप निम्न विधि अपनायें और उसके फल के अनुसार निश्चित करें कि आज आपका दिन कैसा व्यतीत होगा। इसमें आप इतना अवश्य ध्यान रखें कि यह विधि एक दिन में सिर्फ एक बार ही करें अन्यथा यह सफल नहीं रहेगी। प्रातःकाल स्नान कर व स्वच्छ वस्त्र धारण कर घर में किसी शुद्ध स्थान पर बैठ कर माँ सरस्वती का ध्यान कर तीन अगरबत्ती जलाकर 11 बार निम्न मंत्र का मानसिक जाप करें ऐं सरस्वत्यै नमः । इसके बाद आप किसी साफ सफेद कागज पर 108 की संख्या अन्दर कोई इच्छित संख्या लिख दें। फिर उसमें 35 जोड़ दें। फिर जिस दिन प्रश्न किया है उस दिन के अंक को घटा दें। किस दिन के कितने अंक है. यह दिवस संख्या में बताया जा रहा है। बची संख्या में 21 का भाग दे दें। जो संख्या आये उसका फल सारणी में से देख कर सुनिश्चित करें कि आज का दिन आपका कैसा व्यतीत होगा।
दिवस संख्या-
सोमवार-1   मंगलवार- 3
बुधवार-4   गुरुवार- 11
शुक्रवार-7    शनिवार- 13
रविवार-1
उदाहरण- जैसे आपने 46 की संख्या का चुनाव मंगलवार को किया है। 46 में 35 जोड़ें तो 81 आये। फिर 81 में से मंगलवार की सख्या 3 घटायें तो 78 बचे। 78 में 21 का भाग दिया तो 3 संख्या आई। 3 का फल है कि सफलता प्राप्त होगी।
फल-
1. ईश्वर दर्शन के बाद किसी संत पुरुष के दर्शन के पश्चात् सफलता प्राप्त होगी।
2. कार्य पूर्ण होगा परन्तु मन में कई विचार आयेंगे।
3. सफलता प्राप्त होगी।
4. चिंता अधिक होगी व असफलता प्राप्त होगी।
5. दौड़-धूप के साथ अधिक मेहनत ।
6. दिन में सुख व प्रसन्नता प्राप्त होगी।
7. हानि होगी व कोई गुप्त बात की समस्या रहेगी।
8. दिन भर चिंता रहेगी।
9. व्यय अधिक व लाभ कम ।
10. गुप्त शत्रु परेशान करेंगे व समस्या आयेगी।
11. सोचे कार्य पूर्ण होंगे।
12. लाभ के साथ कार्य में सफलता।
13. चिंता रहेगी व झगड़ा हो सकता है।
14. मान-सम्मान में वृद्धि व धन लाभ।
15. मानसिक परेशानी के साथ आर्थिक हानि।
16. दिन अच्छा व्यतीत होगा।
17. पूरा दिन खराब है, सावधान रहें।
18. सुख-शान्ति मिलेगी।
19. चिंता रहेगी।
20. दिन शुभ व लाभ प्राप्त होगा।
21. आर्थिक चिंता रहेगी।
22. आर्थिक चिता के साथ शत्रु पेरशान करेंगे।
इसी प्रकार से आप रोज ही उस दिन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपने यदि इस विधि से दिन में एक बार और पूर्ण विश्वास के साथ जानकारी प्राप्त आप को निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी। फिर आप फल के आधार पर अपना कार्य करने का निश्चय कर सकते हैं।