सन्तोषी माता का
मन्त्र
ॐ नमो सन्तोषी माई। सत की सदा
सहाई। बाबा गणपत की बेटडी। ऋद्धि - सिद्धि की जाई। भक्तों को बख्शे सन्तुष्टि। नाम सन्तोषी कहलाई । दुःख
हरो, सुख करो। मुरादें पूर्ण
करो, सिर पर मेहर का हाथ धरो। माई, तेरी महिमा अपरम्पार।
तोहे बारम्बार नमस्कार
। चले मन्त्र, फुरे
वाचा । देखू माता सन्तोषी, तेरे इल्म का तमाशा।
विधि--शूक्ल-पक्ष
के शुक्रवार से आरम्भ कर प्रति-दिन कम-से-
कम एक माला 'जप'
करे।
शुक्रवार को 'व्रत' रक्खे। खटाई न
खाए। गुड़ और
भने चने का भोग लगाए। माता सन्तोषी के भक्तों
के लिए यह
मन्त्र कल्प-वक्ष के समान है।।
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