शाबर-
रक्षा का मन्त्र -SHABAR RAKSHA MANTRA
ओ३म्
आदेश, गुरु जी को आदेश । वज्र की
कोठडी, वज्र किवाड़ा। वज्र छायों, दसों द्वारा । गणेश सौंगली, शेष कुण्डा । ब्रह्मा कूजी, विष्णु ताला। भोले शङ्कर की चौकी, भैरों बलि, हनुमन्त वीर का पहरेदारा । जो इस घट-पिण्ड पर
करे घाव, तो शिव-शक्ति की फिरे दुहाई। मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति। चले मन्त्र, गुरु गोरख- नाथ का वाचा फुरे।
विधि-ग्रहण अथवा
होली, दीवाली इत्यादि शुभ योगों में गुरु- देव,
गणेश,
शेष,
ब्रह्मा,
विष्णु,
महेश,
शक्ति,
शिव
और गुरु गोरख- नाथ का पञ्चोपचार से पूजन करने के
उपरान्त मन्त्र का दस हजार जप करे । यदि
पाँच माला प्रति-दिन जप करे, तो २१ दिन में पूरा हो जाएगा। फिर किसी भी व्यक्ति को 'विभूति' अथवा
'धागा' अभि- मन्त्रित
करके देने से आभिचारिक प्रयोगों से रक्षा होती है। किसी भी
प्रयोग में बैठने पर उक्त मन्त्र से रक्षा-रेखा खींच कर बैठना भी लाभ-दायक है।
No comments:
Post a Comment
please do not enter any spam link in the comment box