प्रेतबाधा नाशक टोटके
सामान्यतः
भूत-प्रेत या बुरी आत्माएं लोगों को अपनी चपेट में लेकर शारीरिक, मानसिक विकार उत्पन्न कर देती हैं, जिनका उपचार चिकित्सा विज्ञान की किसी
विद्या में नहीं होता इनको शक्ति उपासना या दैवी शक्ति कृपा से ही हटाया जा सकता है। इसके
लिए साथ-पंते ने सदैव दुर्गा, हनुमान, शिव, काली व पीर-पैगम्बरों की ताकत से रोगी को भभूत इत्यादि देकर ठीक किया है अथवा चामुण्डा या
भूतेश्वरी का स्मरण करके उन्हें दूर करते हैं । इस प्रकार की किसी भी बाधा के लिए
होली-दीपावली या ग्रहण की रात्रि में 11 माला निम्न मंत्र जप लें। तत्पश्चात सम्बन्धित तांत्रिक
सामग्रियों को इससे अभिमंत्रित करके प्रयोग में लाएं तो किसी भी प्रकार की ऊपरी हवा या
प्रेतबाधा का निवारण किया जा सकता है।
मंत्र:
ॐ नमः श्मशानवासिने
भूतादिनां पलायनं कुरु कुरु स्वाहा ।
*
उपरोक्त मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करके लहसुन तथा हींग को पीसकर लेप तैयार करें। इसे लगाने तथा सुंघाने से
प्रेतबाथा का निवारण हो जाता है ।
*
बेल, देवदारु, प्रियंगु वृक्षों की जड़ों को लेकर
चूर्ण बनाएं। इसकी धूनी देने से प्रेतबाधा का शमन हो जाता है।
*अश्विनी
नक्षत्र में घोड़े का खुर (नाखून) लाकर प्रेतबाधाग्रस्त व्यक्ति को धूनी देने से समस्त प्रकार की भौतिक-वायव्य
पीड़ाओं से मुक्ति हो जाती है।
*शंखाहुली
की जड़ को घी में घिसकर सुंघाने से प्रेतबाधा नष्ट हो जाती है।
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