Mahamrityunjaya mantra
इस मंत्र का मतलब है कि हम
भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का
पालन-पोषण करते हैं। रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु
(असमय मौत) का डर दूर होता हैI
Mahamrityunjaya mantra महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!
Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushti-Vardhanam
Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat
Mahamrityunjaya mantra
महामृत्युंजय मंत्र का अनुवाद
इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार
करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र जप के फायदे
1> भय से छुटकारा पाने के लिए 1100 मंत्र का जप किया जाता है।
2> रोगों से मुक्ति के लिए 11000 मंत्रों का जप किया जाता है।
3> पुत्र की प्राप्ति के लिए, उन्नति के लिए, अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप करना
अनिवार्य है।
4> यदि साधक पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यह साधना करें, तो वांछित फल की प्राप्ति की प्रबल
संभावना रहती है।
Mahamrityunjaya mantra
महामृत्युंजय मंत्र
का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है। वहीं शिवपुराण सहित अन्य ग्रंथो में भी इसका महत्व बताया गया है। संस्कृत में
महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव
की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी
कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती
ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से हर तरह का डर
और टेंशन खत्म हो जाती है। शिवपुराण में उल्लेख किए गए इस मंत्र के जप से आदि
शंकराचार्य को भी जीवन की प्राप्ती हुई थी।
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