Sri Suktam
Sri Suktam 
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम् ।
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्
।
प्रभासां यशसा लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः ।
उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह ।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि ।
कर्दमेन प्रजाभूता सम्भव कर्दम ।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस गृहे ।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम् ।
आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
पद्मानने पद्म ऊरु पद्माक्षी पद्मासम्भवे ।
अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने ।
पुत्रपौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवे रथम् ।
धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः ।
वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा ।
न क्रोधो न च मात्सर्य न लोभो नाशुभा मतिः ।
वर्षन्तु ते विभावरि दिवो अभ्रस्य विद्युतः ।
पद्मप्रिये पद्म पद्महस्ते पद्मालये पद्मदलायताक्षि ।
या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षी ।
लक्ष्मीर्दिव्यैर्गजेन्द्रैर्मणिगणखचितैस्स्नापिता हेमकुम्भैः ।
लक्ष्मीं क्षीरसमुद्र राजतनयां श्रीरङ्गधामेश्वरीम् ।
श्रीमन्मन्दकटाक्षलब्ध विभव ब्रह्मेन्द्रगङ्गाधराम् ।
सिद्धलक्ष्मीर्मोक्षलक्ष्मीर्जयलक्ष्मीस्सरस्वती ।
वरांकुशौ पाशमभीतिमुद्रां करैर्वहन्तीं कमलासनस्थाम् ।
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गन्धमाल्यशोभे ।
विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम् ।
महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि ।
श्रीवर्चस्यमायुष्यमारोग्यमाविधात् पवमानं महियते ।
ऋणरोगादिदारिद्र्यपापक्षुदपमृत्यवः ।
य एवं वेद ॐ महादेव्यै च विष्णुपत्नीं च धीमहि ।
॥ इति श्रीलक्ष्मी सूक्तम् संपूर्णम् ॥
श्री सूक्तम् पाठ
करने की विधि : –
माँ
लक्ष्मी जी श्री
सूक्त पाठ को नवरात्रों में प्रतिदिन करना अति शुभ माना गया है | इसके अतिरक्त नियमित रूप से शुक्रवार
के दिन स्नान आदि से निवृत होकर पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस
पर माँ लक्ष्मी जी की फोटो रखे | घी
का दीपक जलाये | धुप
आदि लगाये | ईशान
कोण में जल का कलश रखे | कुमकुम
से माँ को तिलक करें | पुष्प
आदि अर्पित करें | अब
भगवान श्री गणेश
जी के स्तुति मंत्र द्वारा
गणेश जी का स्मरण करें | अब
आप दायें हाथ में थोडा जल लेकर संकल्प ले | 
संकल्प इस
प्रकार ले : 
हे परमपिता परमेश्वर,
मैं(अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) धन -सुख और
एश्वर्य प्राप्ति के लिए माँ लक्ष्मी का यह श्री सूक्तम् पाठ कर रहा हूं इसमें
मुझे सफलता प्रदान करें, ऐसा
कहते हुए हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ते हुए बोले : ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु | अब आप श्री सूक्तम् पाठ/Shree Suktam Path Vidhi लयबद्धता
के साथ बिना त्रुटी किये सम्पूर्ण करें |
श्री सूक्तम् फायदा
मां लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी
हर तरह की समस्याएं दूर करती हैं. इतना ही नहीं, देवी साधकों को यश और कीर्ति भी देती
हैं. इनकी पूजा से धन की प्राप्ति होती है, साथ ही वैभव
भी मिलता है.

 
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